पिछड़े राठ की तिलिस्मी जमीन!
उत्तराखंड में गढ़वाल क्षेत्र का राठ इलाका धीरे-धीरे पिछड़ेपन का दाग धुल रहा है।
ये इलाका लंबे समय तक पिछड़ेपन का शिकार रहा और आज भी लोग यहां सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे बुनियादी मांग सरकार से करते रहते हैं।
कृषि और पशुपालन इस इलाके के लोगों का मुख्य व्यवसाय है।
राठ जितना खूबसूरत है, यहां जिंदगी उतनी ही मुश्किलों से भरी हुई है।
अपार प्राकृतिक खूबसूरती से भरा ये इलाका अब भी टूरिज्म के नक्शे से गायब है।
भारत के मौजूदा शिक्षा और मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का गांव इसी इलाके में है और पहली दफा वो यहीं से जीतकर उत्तर प्रदेश की विधानसभा में पहुंचे थे।
कद्दावर नेताओं का गढ़ होने के बावजूद यहां के लोग गरीबी और तंगहाली से जूझते हुए सड़कों पर आम नजर आ जाते हैं।
राठ पर्यटकों के लिए मुफीद जगह है और यहां गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस पर्यटकों के लिए बनाए गये हैं।
राठ क्षेत्र वाइल्ड लाइफ के दीदार के लिए भी शानदार जगह है।
राठ के लोगों को उम्मीद है कि एक रोज विकास का दीया उनके इलाके में भी जगमगाएगा।