सिर्फ़ एक वाक्य का संदेसा टेलीप्रिंटर के ज़रिए आया था। अंग्रेज़ी में लिखा था - “यू हैव गॉट योअर बैप्टिज़्म बाइ फ़ायर”-…
गुलमोहर रसोईघर में दोपहर का खाना बना रही थी, गीता किताब पढ़ने में व्यस्त थी पर इब्बू खाली बैठा था। वह ड्राॅइंग टेबल के पास…
In the past two decades, the Himalayas have been rapidly engulfed by the market’s open and gigantic jaws, at a pace…
लफ्फाजी का गढ़ बन चुके रिपब्लिक भारत जैसे खबरिया चैनलों का काम जब वीडियो गेम की फुटेज दिखाकर चल जा रहा है, तब भारत में फेक…
कलकत्ता दिसम्बर 1980, टाटा सेंटर, मक़बूल के चित्रों की प्रदर्शनी। बंगाली, बिहारी और पंजाबी औरतें… रंग-बिरंगी साड़ियों…
बाजार के खुले और दैत्याकार जबड़े में हिमालय पिछले बीस सालों में जितनी तेजी से समाया है, इससे पहले पहाड़ ने इस रफ्तार और निर्माण…