असुरक्षित होते महाराष्ट्र में कामगारों के सामने लौटा महासंकट, वापस घर लौटने लगे मजदूर!

Covid 19असुरक्षित होते महाराष्ट्र में कामगारों के सामने लौटा महासंकट, वापस घर लौटने लगे मजदूर!

NEWSMAN DESK

महाराष्ट्र में कोरोना का कहर जारी है। कोरोना के चलते सबसे ज्यादा संकट कामगारों पर पड़ा है। हालात इस कदर गड़बड़ा गए हैं कि कामगार वापस घर लौटने लगे हैं। पिछले एक साल से भी ज्यादा वक्त से कामगारों के हालत बद से बदत्तर होते जा रही हैं, लेकिन इसे लेकर केंद्र सरकार ज्यादा चिंतित नजर नहीं आ रही है। केन्द्र सरकार अभी पांच राज्यों में चल रहे चुनावों में मशगूल है।

इसके उलट महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने जरूर 12 लाख मजदूरों को 1500-1500 रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है, लेकिन ये मदद भी नगण्य ही है। कोरोना के कहर को देखते हुए महाराष्ट्र में स्कूली परीक्षाएं भी टाल दी गई हैं। इसके अलावा फिल्मों की शूटिंग पर भी अगले आदेश तक रोक लग गई है। 14 अप्रैल से राज्य में अगले 15 दिनों के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है और कई सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। 

राज्य में कोरोना की लिए तैयार की गई सारी सुविधाएं कम पड़ने लगी है और हालात बेहद डरावने हो गए हैं। महाराष्ट्र के अस्पतालों में मरीजों का जबरदस्त दबाव है और रोजमर्रा के मरीजों को बेड तक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।

महाराष्ट्र में हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि लोगों के मन में फिर से पिछले साल की तरह लॉकडाउन का डर बैठने लगा है। महाराष्ट्र से यूपी-बिहार जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है। राज्य के रेलवे स्टेशनों खासकर पुणे और मुंबई में मजदूरों की भीड़ लगी हुई है। 13 अप्रैल को ही महाराष्ट्र में कोरोना के 51,751 नए मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा राज्य में मौंतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। महाराष्ट्र में कोरोना मृत्यु दर 1.68 प्रतिशत हो गई है। यहां फिलहाल 32,75,224 लोग होम क्वारनटीन हैं और 29,399 इंस्टीट्यूशनल क्वारनटीन में हैं।

सीएम ने मजदूरों के साथ ही रिक्शे चालकों को 1500 रुपये और आदिवासियों को 2000 रुपये की मदद का ऐलान किया है। सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा- 'हमने 3 हजार 3 सौ करोड़ रुपये सिर्फ कोविड संबंधी सुविधाओं के लिए बजट रखा है और साढ़े पांच हजार करोड़ रुपये पैकेज आर्थिक मदद के लिए तैयार किया गया है।' इससे पहले महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने केन्द्र सरकार से वैक्सीन की डोज राज्य को मुहैया करवाने की मांग भी की थी, जिसपर केन्द्र ने यह कहकर राजनीति शुरू कर दी थी कि वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। हालांकि चंद घटों बाद ही केन्द्र का ये दावा झूठा साबित हुआ और कई अन्य राज्यों से भी वैक्सीन की कमी की बात सामने आने लगी। इनमें दिल्ली और गुजरात भी प्रमुख राज्य हैं।

सीएम उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में सख्त पाबंदियां लागू करने के निर्देश प्रशासन को दे दिये हैं। राज्य ने कोरोना से निपटने के लिए 'ब्रेक द चेन' अभियान भी शुरू किया है। इसके तहत महाराष्ट्र में जरुरी सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि 15 दिन तक केवल जरूरी सेवाएं ही जारी रहेंगी। इस दौरान पूरे राज्य में धारा 144 लागू रहेगी और बेवजह घर से निकलने पर पाबंदी रहेगा। हालांकि लोकल और अन्य बस सेवाओं के साथ ही ऑटो-टैक्सी की सेवाएं जारी रहेंगी। बैंक के कामकाज भी पूर्व की तरह ही जारी रहेंगे।

सीएम उद्धव ठाकरे ने सोशल मीडिया के जरिये लोगों के सामने अपनी बात रखते हुए कहा महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की किल्लत बढ़ गई है। ऐसे में केंद्र सरकार सड़क के रास्तों के साथ-साथ हवाई रास्तों से भी महाराष्ट्र में ऑक्सीजन भेजे। उन्होंने पीएम मोदी से उद्योगों की मदद करने के साथ ही वायु सेना के इस्तेमाल की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत है, जिससे राज्य में कोरोना को काबू में किया जा सके। सीएम उद्धव ने जीएसटी रिटर्न टालने और ब्रिटेन मॉडल अपनाने की बात भी इस दौरान कही है।

मुंबई में पैनिक में लोग, दुकानों पर भीड़
लॉकडाउन की आहट को देखते हुए मुंबई में राशन की दुकानों के बाहर लम्बी कतारें देखने को मिल रही हैं। लॉकडाउन के खतरे को देखते हुए लोगों ने राशन जुटाना शुरू कर दिया है। 

मजदूरों का पलायन शुरू
लॉकडउन की आहट के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार महाराष्ट्र से पलायन कर रहे हैं। मजदूरों के पास काम नहीं है और ऐसे में उनके सामने अपने घर लौटने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं है। ये हाल तब है, जब अभी सिर्फ वीकेंड लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू और प्रतिबंध ही लगे हुए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक अकेले धारावी से ही अब तक तकरीबन 25 हजार कामगार पलायन कर चुके हैं। लॉकडाउन का डर फिल्म इंडस्ट्री पर भी छाया हुआ है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति में फिल्म सेट पर काम करने वाले मजदूर और तकनीशियनों के साथ ही छोटे कलाकारों की हैं।

जरूरी सेवाओं में क्या-क्या शामिल

- अस्पताल,क्लीनिक, डायग्नोस्टिक सेंटर्स, मेडिकल इंश्योरेंस ऑफिस, मेडिकल स्टोर, फार्मा कंपनी अन्य मेडिकल हेल्थ सर्विसेज जारी रहेंगी।
- वेटनरी सर्विस, एनिमल केयर शेल्टर और पेट फूड शॉप खुली रहेंगी।
- ग्रॉसरी, सब्जी की दुकान, फल की दुकान, डेयरी, बेकरी और खाने संबंधी अन्य दुकानें खुली रहेंगी।
- बैंक संबंधी भी सभी सेवाएं इस दौरान जारी रहेंगी।
- ई-कॉमर्स की सेवा (केवल जरूरी सामानों के लिए) जारी रहेगी।
- मीडिया संबंधी सभी सेवाएं जारी रहेंगी।
- पेट्रोल पंप, कार्गो सर्विस और आईटी संबंधी सेवा भी जारी रहेगी।
- कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउसिंग सर्विसेज भी जारी रहेंगी।
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट: एयरप्लेन, ट्रेन, टैक्सी, ऑटो, पब्लिक बस की सेवा जारी रहेगी।
- अन्य देशों के डिप्लोमैट संबंधी दफ्तर भी खुले रहेंगे।
- स्थानीय प्राधिकरण द्वारा प्री मानसून गतिविधियां भी जारी रहेंगी।
- कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा बढ़ाने को कहा गया है।
- निर्माण में जुटे मजदूरों के साइट पर रहने की ही व्यवस्था की जाये।
- रेस्टोरेंट और होटल केवल होम डिलीवरी या टेक अवे कर पाएंगे।

ये सब रहेगा बंद
- सिनेमा हॉल, ड्रामा थियेटर बंद रहेंगे।
- एम्यूसमेंट पार्क, वीडियो गेम पॉर्लर बंद रहेंगे।
- वाटर पार्क भी बंद रहेंगे।
- क्लब, स्वीमिंग पूल, जिम और स्पोर्ट कॉम्पलेक्स बंद रहेंगे।
- फिल्मों, एड, सीरियल्स की शूटिंग भी बंद रहेगी।
- जरूरी सेवाओं में जो मॉल्स और शापिंग कॉम्पलेक्स शामिल नहीं हैं, उन्हें भी बंद रखने को कहा गया है।

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