धर्म परिवर्तन रोधी क़ानून के तहत गुजरात में पहला मामला दर्ज, धाराएं इतनी कि अदालत में ही गुजर जाएगी जिंदगी!

धर्म परिवर्तन रोधी क़ानून के तहत गुजरात में पहला मामला दर्ज, धाराएं इतनी कि अदालत में ही गुजर जाएगी जिंदगी!

NEWSMAN DESK

गुजरात पुलिस ने शादी के जरिये जबरन या धोखाधड़ी कर धर्म परिवर्तन कराने के विरूद्ध हाल ही में अधिसूचित नए कानून के तहत पहली प्राथमिकी दर्ज कर छह लोगों को हिरासत में लिया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक वडोदरा पुलिस ने 26 वर्षीय समीर कुरैशी के साथ उसके माता-पिता अब्दुल कुरैशी और फरीदा, बहन रुख्सार, चाचा अल्ताफ चौहान के साथ एक अन्य व्यक्ति महर मलिक के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसने कथित तौर पर यौन उत्पीड़न में मदद की थी।

वडोदरा के एक थाने में की गई शिकायत में 24 वर्षीय युवती ने आरोप लगाया है कि वह 2018 में एक सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिये आरोपी युवक से मिली थी। एफआईआर के मुताबिक इस दौरान युवती को पता चला कि वह आठ माह की गर्भवती है और आरोपी ने गर्भपात की गोलियां खाने के लिये पीड़ित को मजबूर किया। पीड़िता की दूसरी बार भी गर्भवती हुई और उसकी इच्छा के विरुद्ध 21 सप्ताह के गर्भ के दौरान एक डॉक्टर के क्लीनिक में उनका गर्भपात कर दिया गया था।

यह भी पढ़ें: अकेले चारधाम यात्रा बंद रहने से होगा 2000 करोड़ का नुकसान, कर्ज के भंवर में फंसे व्यापारी

मामले से संबंधित पुलिस स्टेशन के निरीक्षक ने बताया, ‘युवती ने आरोप लगाया है कि हाल ही में आरोपी युवक ने एक दूसरी महिला से शादी करने का फैसला किया और पीड़िता को उसे छोड़ने के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। आरोपी ने बार-बार युवती को धमकी दी कि अगर वह युवक के परिवार के धार्मिक अनुष्ठानों को लेकर दिए गए आदेश का पालन नहीं करती तो उसके परिवार (युवती के) को जान से मार दिया जाएगा।’

कई धाराओं में हुआ मुकदमा दर्ज
आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने गुजरात धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021 की धारा 4 के तहत जबरन धर्मांतरण के लिए लालच और शादी में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के अलावा आईपीसी की धारा 498 ए (घरेलू हिंसा), 376 (2) एन (एक महिला के साथ कई बार बलात्कार), 377  (अप्राकृतिक सेक्स), 312, 313 (जानबूझकर एक गर्भवती महिला का उसकी इच्छा के विरुद्ध गर्भपात कराना), 504 (शांति भंग के लिए जान बूझकर उकसावा), 504 (2) (आपराधिक धमकी), 120बी (आपराधिक साजिश) में मामला दर्ज कर लिया है। इसके अलावा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की विभिन्न धाराएं के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है।

क्या है मामला
आरोप है कि युवक ने अपनी पहचान छिपाकर शादी के बाद आधुनिक जीवन का वादा कर युवती को बहकाया है। युवती ने अपने आरोप में कहा है कि एक होटल और एक सह-आरोपी के फ्लैट में चार बार आरोपी युवक ने उनके साथ बलात्कार किया। इस दौरान युवक ने उनकी अंतरंग तस्वीर भी खींच ली। इसके बाद युवक निकाह करने तथा इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए युवती को ब्लैकमेल करता रहा था।

पुलिस उपायुक्त (जोन 2) जयराजसिंह वाला ने अपने बयान में कहा है कि मटन की दुकान के मालिक आरोपी ने महिला को एक धार्मिक स्थान पर ले जाकर युवती को निकाह करने के लिए मजबूर किया। पीड़ित अनुसूचित जाति से संबंधित है। युवती ने यह भी आरोप लगाया है कि जब उसने इस्लाम का पालन करने से इनकार कर दिया तो आरोपी और उसके परिवार ने उसे जातिवादी गालियां दी।

बता दें कि गुजरात सरकार ने गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021 को बीते 15 जून से लागू कर दिया है। इस विधेयक को राज्य विधानसभा ने बीते एक अप्रैल को बहुमत से पारित किया था और इसे गुजरात के राज्यपाल ने मई में मंजूरी दे दी थी। सरकार के अनुसार, गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021 के जरिये धर्म परिवर्तन कराने के उद्देश्य से महिलाओं को शादी के जाल में फंसाने के उभरते चलन पर रोक लगाई जाएगी।

यह भी पढ़ें: 'कितना हौसला लेकर चल रहे हैं वो 3 बच्चे, जिन्हें सरकार ने खतरनाक अपराधी माना है!'

यूपी, एमपी और हिमाचल में है कानून
गुजरात विधानसभा ने एक अप्रैल को गुरुवार के दिन यूपी और एमपी की राह पर चलते हुए उस विधेयक को पारित किया, जिसमें विवाह के बाद कपटपूर्ण तरीके या फिर जबरन धर्मांतरण कराने के मामले में दस साल तक की कैद की सजा काटनी पड़ सकती है। इस विधेयक के माध्यम से 2003 के एक कानून को संशोधित किया गया है, जिसमें बलपूर्वक या प्रलोभन देकर धर्मांतरण करने पर सजा का प्रावधान किया गया है। इससे पहले भाजपा शाषित प्रदेशों एमपी और यूपी की सरकार भी ऐसे कानून बना चुकी है। पूर्व में यूपी और एमपी में कई संगठनों ने इस कानून की निंदा करते हुए इसके दुरुपयोग की आशंका भी जाहिर की है।

बीजेपी का पॉपुलर शब्द है 'लव जिहाद'
बीते फरवरी महीने में ही गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गोधरा में एक चुनावी रैली के दौरान कहा था कि उनकी सरकार विधानसभा में लव जिहाद के खिलाफ कानून लाना चाहती है, ताकि हिंदू लड़कियों का अपहरण और धर्मांतरण रोका जा सके। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने धर्मांतरण को रोकने के लिए अपने राज्यों में ऐसा कानून लागू किया है। 'द वायर' की एक रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी के नेता इसे लव जिहाद या शादी के माध्यम से हिंदू महिलाओं का धर्म परिवर्तन करने का षड्यंत्र बताते हैं।

Leave your comment

Leave a comment

The required fields have * symbols