चमोली। उत्तराखंड के जोशीमठ से लगभग 94 किमी आगे ‘सुमना 2’ में एवलांच टूटने के बाद सेना ने बचाव अभियान तेज कर दिया है। शनिवार सुबह तक सेना ने 291 व्यक्तियों को इस हादसे से सुरक्षित बचा लिया था। इस दौरान 8 शवों को बरामद भी किया गया है। पहाड़ों से आई इस आफत के बाद इलाके में अफरा-तफरी के हालात बन गये थे।
बता दें कि शुक्रवार दोपहर को हुई घटना के तुंरत बाद ही सेना ने बचाव कार्य शुरू कर दिया था, लेकिन पहाड़ों पर भारी हिमपात होने के चलते रेस्क्यू अभियान बार-बार बाधित होता रहा। उत्तराखंड के कई इलाकों में शुक्रवार को बर्फवारी हुई है। कई जगहों पर तो अप्रैल में लंबे समय बाद बर्फवारी हुई है। हादसे की सूचना मिलते ही शनिवार सुबह मुख्यमत्री तीरथ सिंह रावत और राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने प्रभावित क्षेत्र का हवाई दौरा किया। इसके बाद सीएम ने बचाव अभियान में तेजी लाने के निर्देश भी प्रशासन को दिये हैं।
भारतीय सेना ने शनिवार सुबह ट्वीट कर बचाव अभियान के साथ ही 291 लोगों को सुरक्षित निकाल लेने की जानकारी दी है। बताया जा रहा है, हादसे से बीआरओ का एक शिविर पूरी तरह से तबाह हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जहां पर घटना हुई है, वहीं एक पुल पर 40 मजदूर बीआरओ की टुकड़ी के साथ काम कर रहे थे, इसी दौरान ग्लेशियर का एक बड़ा हिस्सा टूट गया।
आपको जानकारी दे दें कि ‘सुमना 2’ में ही 2007 में ऐसा ही एक बड़ा हादसा हो चुका है, जिसमें 13 आईटीबीपी के जवान शहीद हो गये थे। उसके बाद आईटीबीपी की चौकी को यहां से नदी के दूसरी ओर शिफ्ट कर दिया गया था।
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उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में पिछले दो दिनों से भारी हिमपात हो रहा है। इसके चलते एवलांच ओवरलोड हो चुके हैं। बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल ने बताया कि सेना मौके पर है। उन्होंने बताया भारी हिमपात होने से ग्लेशियर या एवलांच टूटने की सूचना मिली है। सेना और पुलिस मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू अभियान चला रहे हैं।
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