अर्णब गोस्वामी की वो 'कथित' वायरल चैट याद है, उस मामले में अब आ गया है नया अपडेट

TRP SCAM अर्णब गोस्वामी की वो 'कथित' वायरल चैट याद है, उस मामले में अब आ गया है नया अपडेट

NEWSMAN DESK

मुंबई पुलिस ने मंगलवार को अदालत के समक्ष दायर अपने दूसरे आरोप पत्र में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को कथित टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (टीआरपी) में हेरफेर मामले में आरोपी के रूप में नामित किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले की जांच कर रही पुलिस की अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) ने मजिस्ट्रेट की अदालत में दायर 1,800 पन्नों की पूरक चार्जशीट में गोस्वामी के साथ रिपब्लिक टीवी के स्वामित्व वाले एआरजी आउटलायर के चार लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें कंपनी की सीओओ प्रिया मुखर्जी, शिवेंदु मुलेकर और शिवा सुंदरम के नाम हैं।

बताते चलें कि कथित फर्जी टीआरपी घोटाला पिछले साल अक्टूबर में सामने आया था जब रेटिंग एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउन्सिल (बीएआरसी) ने हंसा रिसर्च ग्रुप (एचआरजी) के माध्यम से एक शिकायत दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ टेलीविजन चैनल टीआरपी में हेराफेरी कर रहे हैं।  यह एफआईआर नौ महीने पहले तब दर्ज हुई थी जब मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने चैनल के इस घोटाले में लिप्त होने के आरोप लगाए थे। इस मामले को लेकर गोस्वामी के वकील ने कहा है कि आरोप पत्र में अन्य के अलावा गोस्वामी और एआरजी आउटलायर को भी आरोपी बनाया गया है। 

बता दें कि टीआरपी घोटाला पिछले साल अक्टूबर महीने में उस समय सामने आया था, जब टीवी चैनलों के लिए साप्ताहिक रेटिंग जारी करने वाली बार्क ने हंसा रिसर्च एजेंसी के माध्यम से रिपब्लिक टीवी सहित कुछ चैनलों के खिलाफ टीआरपी में धांधली करने की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने इस कथित घोटाले की जांच शुरू की थी। मुंबई पुलिस की एफआईआर में बार्क और रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों के भी नाम थे। मुंबई पुलिस ने बताया था कि उसने कथित तौर पर टीआरपी से छेड़छाड़ के मामले में फख्त मराठी, महामूवीजए बॉक्स सिनेमा, न्यूज नेशन और वॉव म्यूजिक जैसे अन्य चैनलों की भूमिका की भी जांच की थी।

पुलिस के अनुसार, ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) इंडिया के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को घूस देकर ये चैनल्स अपनी टीआरपी में हेरफेर कर रहे थे। दासगुप्ता को जब दिसंबर 2020 में हिरासत में लिया था, तब पुलिस ने दावा किया था कि रिपब्लिक टीवी की टीआरपी में हेरफेर करने के लिए उन्हें लाखों रुपये की रिश्वत दी गई थी। इतना ही नहीं अर्णब और पार्थो की चैट वायरल हो गई थी, जिसके बाद एक से बढ़कर एक सनसनीखेज खुलासे हुये थे, लेकिन चंद दिनों के हंगामें और अर्णब गोस्वामी की नाटकीय गिरफ्तारी के बाद मामला किसी तरह से दब गया था। 

तब मुंबई पुलिस ने गोस्वामी और दासगुप्ता के बीच वॉट्सऐप चैट जारी करते हुए बताया था कि किस तरह उन्होंने रेटिंग्स से ‘छेड़छाड़’ के तरीकों के बारे में चर्चा की थी। इस चैट में दोनों ने प्रतिद्वंद्वी चैनलों के बारे में बात की और रिपब्लिक से बेहतर प्रदर्शन कर रहे उन चैनलों को लेकर निराशा जताई थी। पुलिस द्वारा दर्ज पूरक चार्जशीट के अनुसार, दासगुप्ता ने मुंबई पुलिस को दिए हाथ से लिखे एक बयान में दावा किया था कि उन्हें टीआरपी से छेड़छाड़ करने के बदले रिपब्लिक चैनल के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी से तीन सालों में दो फैमिली ट्रिप के लिए 12,000 डॉलर और कुल चालीस लाख रुपये मिले थे।

दासगुप्ता को बीते मार्च महीने में ज़मानत मिली है. इसी महीने बॉम्बे हाईकोर्ट ने गोस्वामी उस याचिका को लेकर गिरफ्तारी से सीमित संरक्षण प्रदान किया था, जिसमें उन्होंने मुंबई पुलिस, विशेषकर परमबीर सिंह, के खिलाफ ‘गंभीर दुर्भावना’ का आरोप लगाए थे। अब तक इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें बार्क के पूर्व सीईओ भी शामिल हैं।

पुलिस ने अब तक आरोप पत्र में 15 लोगों को आरोपी बनाया है, जिसमें दासगुप्ता के अलावा रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खानचंदानी, चैनल के घनश्याम सिंह, हंसा रिसर्च एजेंसी के कुछ पूर्व कर्मचारी भी शामिल हैं। बहरहाल टीआरपी धांधली के मामले में रिपब्लिक भारत के 'नायक' अर्णब गोस्वामी को फिलहाल मुक्ति मिलती नहीं दिख रही। इधर हाल ही में अर्णब गोस्वामी ने जोर-शोर से अपने नेटवर्क के प्रसार का जश्न मनाया है। 

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