'56 इंची छाती' वाले नेता की सिकुड़ रही है लोकप्रियता, प्रशांत किशोर की इस टिप्पणी से बढ़ जाएगा बाकी बीजेपी नेताओं का '10 ग्राम खून'  

'56 इंची छाती' वाले नेता की सिकुड़ रही है लोकप्रियता, प्रशांत किशोर की इस टिप्पणी से बढ़ जाएगा बाकी बीजेपी नेताओं का '10 ग्राम खून'  

NEWSMAN DESK

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बीजेपी नेताओं को खुश करने वाली बात कह दी है, लेकिन सुप्रीमों की सिकुड़ती लोकप्रियता का भी जिक्र किया है। उनका मानना है कि भारतीय जनता पार्टी आने वाले कुछ दशकों तक भारतीय राजनीति में एक बड़ी ताकत बनी रहेगी। प्रशांत किशोर ने कहा- 'जैसे कांग्रेस पहले 40 वर्षों तक भारतीय राजनीति के केंद्र में थी, उसी तरह BJP भी, चाहे हारे या जीते, राजनीति के केंद्र में रहेगी। BJP कहीं नहीं जाने वाली। एक बार जब आप राष्ट्रीय स्तर पर 30% वोट हासिल कर लेते हैं तो इतनी जल्दी राजनीतिक तस्वीर से नहीं हटते।'

अपनी गोवा यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि इस झांसे में कभी मत पड़ना कि लोग नाराज हो रहे हैं और वे मोदी को बाहर कर देंगे। शायद वे मोदी को बाहर कर देंगे, लेकिन BJP कहीं जाने वाली नहीं है। आपको अगले कई दशकों तक बीजेपी से लड़ना होगा।

कांग्रेस मोदी और भाजपा के भविष्य को कैसे देखती है, इस पर किशोर ने कहा, 'आप किसी भी कांग्रेस नेता या किसी भी क्षेत्रीय नेता से जाकर बात करें, वे कहेंगे, 'बस समय की बात है, लोग तंग आ रहे हैं, एंटी-इनकम्बेंसी होगी और लोग उन्हें बाहर कर देंगे, लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऐसा होने वाला है।'

हाल ही में कांग्रेस से मीटिंग्स कर रहे प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर भी कहा कि वह शायद इस भ्रम में हैं कि मोदी के सत्ता में रहने तक ही बीजेपी मजबूत है। किशोर ने कहा- 'यही समस्या राहुल गांधी के साथ है। शायद, उन्हें लगता है कि यह बस समय की बात है जब लोग उन्हें (नरेंद्र मोदी) सत्ता से बाहर कर देंगे।' उन्होंने कहा, 'जब तक आप उनकी (मोदी की) ताकत को नहीं समझेंगे आप उन्हें हरा नहीं पाएंगे। मैं जो समस्या देखता हूं वह यह है कि ज्यादातर लोग उनकी ताकत को समझने के लिए अपना समय स्पेंड नहीं कर रहे हैं। यह समझना होगा कि उनकी लोकप्रियता का क्या कारण है। अगर आप इस बात को समझ लेंगे, तभी आप उन्हें हराने के लिए काउंटर ढूंढ सकते हैं।

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प्रशांत किशोर ने देश में बंटे हुए वोटर बेस की ओर इशारा करते हुए कहा, 'अगर आप वोटर बेस को देखें तो यह एक-तिहाई और दो-तिहाई के बीच की लड़ाई है। केवल एक तिहाई लोग भाजपा को वोट दे रहे हैं या भाजपा का समर्थन करना चाहते हैं। समस्या यह है कि दो-तिहाई मतदाता 10, 12 या 15 राजनीतिक दलों में डिवाइडेड है। ऐसा कांग्रेस के कमजोर होने की वजह से है।

कुछ दिन पहले ही प्रशांत किशोर ने कहा था कि समस्याएं कांग्रेस के भीतर गहराई में हैं और लखीमपुर खीरी कांड से पार्टी पुनर्जीवित नहीं हो पाएगी। प्रशांत किशोर जाने-माने चुनाव रणनीतिकार हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत का श्रेय उनकी रणनीतियों को भी दिया जाता है। हालांकि, बाद में उनकी बीजेपी से अनबन हो गई। उसके अगले साल ही 2015 में उन्होंने बिहार में जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन के लिए काम किया और चुनाव में इस महागठबंधन ने शानदार जीत भी हासिल की थी। हालांकि, बाद में जेडीयू महागठबंधन को छोड़कर फिर से बीजेपी के साथ आ गई थी। हाल ही में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुआई में टीएमसी और तमिलनाडु में एमके स्टालिन की अगुआई में डीएमके की प्रचंड जीत के पीछे उनकी रणनीति काफी अहम मानी गई थी।

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