'खेला' ना हुआ तो ममता ने बचा लिया अपना किला, तमिलनाडु में स्टालिन का जलवा!

Exit Poll'खेला' ना हुआ तो ममता ने बचा लिया अपना किला, तमिलनाडु में स्टालिन का जलवा!

NEWSMAN DESK

देश में मचे हुये कोरोना के हाहाकार के बीच भारत के पांच राज्यों में संपन्न हुए चुनावों के एग्जिट पोल सामने आ चुके हैं। इसी के साथ टीवी की स्क्रीन एग्जिट पोल के आंकड़ों से भर गई है। इन पांच राज्यों में सत्ता किसको मिलने जा रही है, इसका अंदेशा कुछ-कुछ मिलने लगा है। अलग-अलग न्यूज चैनलों के एग्जिट पोल को देखें तो ममता बनर्जी बंगाल में अपना किला बचाने में कामयाब होती दिख रही है। हालांकि, जैसी कि उम्मीद जताई जा रही थी भारतीय जनता पार्टी ने राज्य के एक बड़े तबके के बीच सेंध लगाने में कामयाबी हासिल की है।

बंगाल में बीजेपी के फायर ब्रांड नेताओं समेत प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की ताबड़तोड़ रैलियों ने राज्य में भाजपा को दूसरी बड़ी पार्टी बनाने में जरूर मदद की है, लेकिन अभी राज्य की सत्ता से बीजेपी दूर ही है। हालांकि, 2 मई को आने वाले चुनाव नतीजों के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी, लेकिन फिलवक्त तो 'रिपब्लिक भारत' और 'टाइम्स नाउ' जैसे प्रो बीजेपी न्यूज चैनलों के अलावा बंगाल में कोई भी बीजेपी के हाथ में सत्ता सौंपता नहीं दिख रहा है। कुल मिलाकर यहां पार्टी को कड़ी मेहनत के बावजूद अपने उलजलूल बयानों का खामियाजा ही भुगतना होगा।

चुनावों के दौरान भी यह साफ नजर आ रहा था कि बंगाल में मुख्य चुनावी लड़ाई टीएमसी और बीजेपी के बीच ही है। वहीं असम में भाजपा की कैम्पेन रंग लाती हुई ही नजर आ रही है। बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर राज्य में चुनाव लड़ी भाजपा यहां अपनी सत्ता बचाने में कामयाब होती दिख रही है। इसके पीछे वजह है असम के आम नागरिकों, खासकर संभ्रात वर्ग का एनआरसी के समर्थन में खड़ा होना। हालांकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल यहां बहुत पीछे भी नहीं चल रहे हैं। असम में 2 मई की नतीजे काफी दिलचस्प होने वाले हैं। 

यहां तक कि चुनावों के दौरान देश के गृहमंत्री अमित शाह की तस्वीरें बंगाल के गली-मुहल्लों से लगातार आती ही रही थी, इसी से अंदाजा लग जाता है कि बीजेपी ने बंगाल को जीतने के लिये कितनी ताकत झोंकी है। हालांकि, एग्जिट पोल बीजेपी को राज्य में सत्ता से दूर ही बिठाते हुए नजर आ रहे हैं। इसके पीछे ममता की मजबूत बंगाली छवि और बीजेपी के पास राज्य में कोई भरोसेमंद चेहरे का ना होना बताया जा रहा है।    
   
एबीपी न्यूज के एग्जिट पोल की मानें तो 292 सीटों वाले बंगाल में टीएमसी को 152 से 164 सीटें मिल सकती हैं, जबकि बीजेपी को 109 से 121 तक सीटें मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा जैसी कि जमीन पर स्थिति नजर आ रही थी, संयुक्त मोर्चा की स्थिति बंगाल में बेहद खराब है।

इसी एग्जिट पोल के मुताबिक 234 सीटों वाले तमिलनाडु में डीएमके एलायंस को 162 से 172 के करीब सीटें मिल सकती हैं, जबकि एआईडीएमके एलायंस को कुल 58 से 70 सीटें मिलने का ही आंकलन है। ये सर्वे 126 सीटों वाले असम में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को 58 से 71 सीटें दे रहा है, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को 53 से 66 सीटें दे रहा है। 30 सीटों वाले केन्द्र शासित पुदुचेरी में इस सर्वे के मुताबिक 19 से 23 सीटें बीजेपी और उसके सहयोगी जीत रहे हैं, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी यहां 6 से 10 सीटें ही जीतते हुये नजर आ रहे हैं।

एबीपी का एग्जिट पोल 140 सीटों वाले केरल में पिनराई विजयन की वापसी की खबरों को पुख्ता कर रहा है। यहां लेफ्ट पार्टियां 71 से 77 सीटें जीत रही हैं, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को यहां 62 से 68 सीटें मिलने का आंकलन है।

इधर एबीपी न्यूज के इस सर्वे पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा भावुक हो गये। उन्होंने बहस से यह कहकर विदाई ले ली कि इस वक्त जब देश की स्थिति महामारी के चलते बुरी है, तब हम यहां कौन जीत रहा है कौन हार रहा है... करते नहीं रह सकते। पवन खेड़ा के इस कदम की सराहना हो रही है। सुमित अवस्थी इस बहस को मॉडरेट कर रहे थे। बहरहाल एग्जिट पोल से इतर चुनावी नतीजे क्या होते हैं, इसके लिये 2 मई का इंतजार करना होगा।

Leave your comment

  1. We are wining... Hurrey
  2. Finnally... Bengal choosen didi again rather than bullshit bjp.

Leave a comment

The required fields have * symbols