असम से एक वीडियो वायरल होते हुए देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। अमानवीयता की हदों को दिखाता ये वीडियो दरांग जिले में गुरुवार को कब्जा हटाने गई पुलिस की अतिक्रमणकारियों से झड़प के दौरान का बताया जा रहा है। सिपाहझार में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई इस झड़प में 2 लोगों की मौत की खबर भी आ रही है। जो वीडियो सामने आया है उसमें बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में एक फोटोग्राफर भी जमीन पर गिरे हुए प्रदर्शनकारी को पीटता हुआ नजर आ रहा है। पुलिस के मुताबिक, उसके भी 9 जवान घायल हुए हैं।
वायरल वीडियो में एक शख्स लाठी लेकर पुलिसकर्मियों की ओर से बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। इसके बाद कई पुलिसकर्मी उस पर टूट पड़ते हैं। इस दौरान गोलियों की भी आवाजें लगातार आ रही हैं। कई पुलिसकर्मी घेरकर उस शख्स को गिरा देते हैं और फिर पीटकर हट जाते हैं। इसके बाद प्रशासन के साथ आया हुआ एक फोटोग्राफर उस अधमरे शख्स के ऊपर कूदने लगता है और उस पर वार करता है। इस शख्स का नाम विजय शंकर बनिया है और इसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इस वीडियो के सामने आने के बाद असम सरकार की काफी आलोचना हो रही है।
Cameraman seen in #Assam viral video identified as Bijay Shankar Baniya, a photographer with the Darrang district administration. Assam Police has confirmed that he has been arrested, and a case has been registered with the CID. @IndianExpress
— Tora Agarwala (@toramatix) September 23, 2021
राज्य में सरकार बनने के बाद ही मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया था। सरकार का कहना है कि इस जमीन का उपयोग कृषि परियोजना के लिए किया जाएगा। वहीं स्थानीय मीडिया का कहना है कि, गांव की 120 बीघा जमीन को खाली कराया गया था, जो कथित तौर पर प्राचीन शिव मंदिर से जुड़ी थी। इस गांव में ज्यादातर पूर्वी बंगाल मूल के मुसलमान रहते हैं। 20 सितंबर को इसी के तहत दरांग जिले के सिपाझार में प्रशासन ने लगभग 4,500 बीघा जमीन से कब्जा हटाने का दावा किया है। यहां 800 परिवारों ने अवैध कब्जा जमा रखा था। खुद राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
इस मामले में दरांग जिले के एसपी सुशांत बिस्वा सरमा का बयान भी आया है। उनका कहना है कि अतिक्रमणकारियों ने प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध करते हुए पथराव शुरू कर दिया था, जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इस घटना में 9 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घटना में दो ग्रामीण भी घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं। एसपी सुशांत बिस्वा सरमा असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के भाई हैं।
इस पूरे मामले में कांग्रेस हमलावर हो गई है। सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया है। राहुल ने हिंसा के लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार को दोषी ठहराते हुए घटना को पूरी तरह से राज्य प्रायोजित बताया है। राहुल ने लिखा- 'असम राज्य प्रायोजित आग में जल रहा है। मैं असम में अपने भाई-बहनों के साथ खड़ा हूं। भारत का कोई भी बच्चा इसके लायक नहीं है।' वीडियो के वायरल होने के बाद हुई फजीहत के बाद देर शाम को राज्य सरकार ने घटना की जांच गुवाहाटी हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाने की घोषणा की है।
Assam is on state-sponsored fire.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 23, 2021
I stand in solidarity with our brothers and sisters in the state- no children of India deserve this. pic.twitter.com/syo4BTIXKH
असम प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने अतिक्रमणकारियों पर पुलिस की फायरिंग को बर्बर कार्रवाई बताया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना महामारी के संकट में गुवाहाटी हाई कोर्ट ने अतिक्रमण के खिलाफ अभियान को रोकने का निर्देश दिया था, लेकिन बावजूद इसके मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा अपनी मनमानी करते रहे। इसके चलते ही 1970 के दशक से धौलपुर में बसे लोगों से जमीन खाली करवाई जा रही है। सरकार को लोगों को हटाना ही था, तो पहले उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाती।
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