अंतर्राष्ट्रीय बेटी दिवस की पूर्व संध्या पर उत्तराखंड के पहाड़ों पर उभरते फनकारों ने बेटियों को समर्पित एक गाना रिलीज किया है। 'डियर बेटी: म्यूजिकल स्टोरी' नाम से जारी किए इस गाने को 'आंफर' के यूट्यूब चैनल पर जारी किया गया है। ये गाना असल में एक लोरी है, जिसके फिल्मांकन में नए प्रयोग किए गए हैं। गाने को पौड़ी के आसपास की लोकेशंस पर शूट किया गया है।
'डियर बेटी' एक पिता और बेटी के फॉरेस्ट वॉक की कहानी से शुरू होता है और एक वक्त ऐसा भी आता है जब बेटी एक हादसे के बाद अपने पिता से घने जंगल में बिछड़ जाती है। बच्ची को जब होश आता है, तो वह एक ऐसे शख्स के सामने होती है, जो जंगलों से बाहर ही नहीं निकलता। धीरे-धीरे बच्ची और उस शख्स के बीच दोस्ती होने लगती है और एक वक्त ऐसा भी आता है जब जंगल में रह रहे उस शख्स का बच्ची से लगाव बढ़ने लगता है। गाना पिता और बेटी के मिलन पर खत्म होने के बजाय जंगल में रह रहे उस शख्स के अकेलेपन और अलगाव पर खत्म होता है। यह शायद पहला ऐसा गाना है, जिसमें मुख्य किरदार दुनिया से कटा हुआ जंगल के बीच जी रहा है। इस किरदार को मशहूर रंगकर्मी मनोज दुर्बी ने निभाया है, जबकि बेटी की भूमिका में तन्वी और पिता की भूमिका में दीपक की खासी तारीफ हो रही है।
गाने के बोल दीपक तिरुवा ने लिखे हैं, जबकि इसे सर्वजीत टम्टा ने अपने स्वर दिए हैं। इस गाने को लेकर दीपक का कहना है कि शुरुआत में जब वो इसे लिख रहे थे, तब इसके फिल्मांकन को लेकर कुछ भी नहीं सोचा था। फिर एक रोज इस गाने को शूट करने का ख्याल आया और पौड़ी में इसे दो दिनों में शूट कर लिया गया।
गाने को लेकर मनोज दुर्बी का कहना है कि जब दीपक इस गाने के आइडिया के साथ उनके पास आए तो उन्हें पहली मर्तबा ही यह गाना अलग लगा। इस लिहाज से भी वो खासे उत्साहित थे कि बाल सिनेमा के नाम पर पहाड़ों में कुछ भी नहीं बनाया जाता रहा है और इस गाने को बच्चों के लिए ही तैयार किया गया है। मनोज बताते हैं कि अब तक उन्होंने कई गढ़वाली गानों का निर्देशन किया है, लेकिन इस गाने ने उन्हें काम करने के लिए नई सीमाएं दी। वो कहते हैं कि पौड़ी के आसपास ही लोकेशन मिल जाने से इस गाने को शूट करने में उन्हें ज्यादा दिक्कते नहीं हुई। मनोज इस बात को लेकर बेहद खुश हैं कि उन्हें बच्चों के लिए काम करने का मौका मिला।
#DearBeti : A gift to the daughters#InternationalDaughtersDayhttps://t.co/PwutbTsLOf
— Hilansh (@Hilansh1) September 26, 2021
इधर सर्वजीत का इस गाने को लेकर कहना है कि ये उनके लिए नया अनुभव देने वाला साबित हुआ है। इससे पहले सर्वजीत सूफी और कव्वाली के ही ज्यादा करीब थे, लेकिन यहां उन्हें भी गायकी में वैरिएशन मिला है। सर्वजीत लाइव कंसर्ट के लिए पहचाने जाते हैं और पहाड़ों के उभरते फनकार हैं।
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